अगर आपने होम लोन लिया है या लेने की सोच रहे हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि अगर आप अपनी EMI का भुगतान समय पर नहीं करते हैं, तो बैंक क्या एक्शन ले सकता है। हर कोई यही सोचकर लोन लेता है कि वह आसानी से मासिक किस्तें चुका देगा, लेकिन कई बार अचानक नौकरी छूटने, मेडिकल इमरजेंसी या अन्य आर्थिक संकट की वजह से EMI चुकाने में दिक्कत आ सकती है।
क्या आपको पता है कि अगर आपकी तीन लगातार EMI बाउंस हो जाती हैं, तो बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर सकता है? बैंक आपकी प्रॉपर्टी नीलाम करने तक का कदम उठा सकता है। इसलिए यह समझना बेहद जरूरी है कि बैंक कितनी देर तक इंतजार करता है, कब आपको डिफॉल्टर घोषित करता है और कैसे इससे बचा जा सकता है। तो चलिए इस आर्टिकल में हम आपको EMI बाउंस से जुड़े सभी नियमों और इससे बचने के उपायों के बारे में बताते हैं।
होम लोन EMI न भरने पर बैंक क्या करता है?
अगर कोई कर्जदार अपनी होम लोन EMI समय पर नहीं चुकाता है, तो बैंक सबसे पहले एक रिमाइंडर भेजता है ताकि वह भुगतान कर सके। अगर दो लगातार EMI बाउंस हो जाती हैं, तो बैंक कॉल, SMS या लेटर के जरिए भुगतान करने की याद दिलाता है। तीसरी बार भी EMI नहीं भरने पर बैंक कानूनी नोटिस भेजता है और लोन अकाउंट को NPA घोषित किया जा सकता है। अगर 120 दिनों के भीतर भी भुगतान नहीं किया जाता, तो बैंक लोन वसूली की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर सकता है, जिसमें प्रॉपर्टी की नीलामी भी शामिल होती है। इसके अलावा, EMI न भरने से क्रेडिट स्कोर भी खराब होता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
RBI के नियम: बैंक कब आपकी प्रॉपर्टी नीलाम कर सकता है?
होम लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, जिसमें कर्जदार की संपत्ति को गिरवी रखा जाता है। अगर लगातार तीन महीने तक EMI का भुगतान नहीं किया जाता, तो बैंक लोन अकाउंट को NPA घोषित कर सकता है। बैंक आमतौर पर ग्राहकों को लोन चुकाने के लिए पर्याप्त समय देता है, लेकिन अगर भुगतान नहीं किया जाता, तो अंतिम उपाय के रूप में प्रॉपर्टी की नीलामी की जा सकती है। नीलामी से पहले बैंक ग्राहक को एक महीने का नोटिस देता है, ताकि उसे बकाया राशि चुकाने का मौका मिले। अगर छह महीने तक भी समाधान नहीं निकाला जाता, तो बैंक प्रॉपर्टी नीलाम कर देता है और नीलामी से प्राप्त राशि का उपयोग लोन की भरपाई के लिए करता है।
EMI न भरने के नुकसान: होम लोन डिफॉल्टर बनने से क्या होगा?
अगर आप होम लोन की EMI समय पर नहीं भरते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा, जिससे भविष्य में किसी भी तरह का लोन पाना मुश्किल हो जाएगा। बैंक आपको “Loan Defaulter” घोषित कर देगा, जिससे अन्य बैंक भी आपको लोन देने में हिचकिचाएंगे। अतिरिक्त ब्याज और पेनल्टी लग सकती है, जिससे कर्ज का बोझ और बढ़ जाएगा। अगर आप लंबे समय तक EMI नहीं भरते हैं, तो आपकी प्रॉपर्टी नीलाम हो सकती है, जिससे आपका घर खोने का खतरा रहेगा।
अगर आप EMI नहीं चुका पा रहे हैं तो क्या करें?
अगर आप EMI चुकाने में असमर्थ हैं, तो बैंक से लोन री-स्ट्रक्चरिंग की मांग कर सकते हैं, जिससे EMI कम हो सकती है या कुछ महीनों के लिए रोकी जा सकती है। आप लोन की अवधि बढ़वाकर EMI की राशि घटा सकते हैं, जिससे भुगतान करना आसान होगा। अगर जरूरत हो, तो EMI मोराटोरियम का लाभ ले सकते हैं, जिससे कुछ समय के लिए किस्तें रोक दी जाएंगी। अगर आप लोन पूरी तरह चुकाने की स्थिति में नहीं हैं, तो बैंक से बातचीत करके एकमुश्त समझौता कर सकते हैं।
EMI बाउंस से बचने के लिए क्या करें?
EMI बाउंस से बचने के लिए समय पर भुगतान करना जरूरी है, ताकि डिफॉल्टर बनने से बच सकें। अगर आर्थिक दिक्कत हो, तो बैंक से बातचीत करके लोन पुनर्गठन का विकल्प अपनाएं। अगर तीन महीने तक EMI नहीं भर पाए, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें, ताकि कानूनी कार्रवाई से बच सकें। बैंक के नोटिस को नजरअंदाज न करें, वरना प्रॉपर्टी नीलाम हो सकती है। क्रेडिट स्कोर मजबूत बनाए रखें, ताकि भविष्य में लोन मिलने में परेशानी न हो।