आज के दौर में सेविंग अकाउंट हर व्यक्ति के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा लोग सुरक्षा और बचत के लिए बैंक खातों में जमा करते हैं। हालांकि, अगर आप अपने बचत खाते में बार-बार बड़ी रकम जमा कर रहे हैं या निकाल रहे हैं, तो आपको आयकर विभाग की नजरों में आने का खतरा हो सकता है।
आयकर विभाग ने बैंकिंग ट्रांजैक्शन को लेकर कुछ खास नियम तय किए हैं, जिनका पालन करना हर खाताधारक के लिए जरूरी है। यदि इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस मिल सकता है। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
सेविंग अकाउंट में ट्रांजैक्शन के नए नियम
इनकम टैक्स विभाग द्वारा सेविंग अकाउंट में लेन-देन के नए नियम लागू किए गए हैं, जिनके तहत बैंकिंग ट्रांजैक्शन की सीमाएं तय की गई हैं। यदि किसी आवेदक के सेविंग अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष के दौरान 10 लाख रुपये से अधिक की नकद जमा होती है, तो बैंक इसकी जानकारी आयकर विभाग को भेज सकता है।
इसी तरह, एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक के नकद लेन-देन पर निगरानी रखी जाती है। यदि कोई आवेदक 50,000 रुपये या उससे अधिक की नकद राशि जमा करता है, तो उसके लिए PAN नंबर देना अनिवार्य होगा। PAN कार्ड न होने की स्थिति में, आवेदक को बैंक में Form 60 या Form 61 जमा करना होगा। इसके अलावा, यदि किसी दिन 10 लाख रुपये से अधिक का लेन-देन किया जाता है, तो इसे उच्च-मूल्य वाला ट्रांजैक्शन माना जाएगा और इसकी रिपोर्टिंग अनिवार्य रूप से आयकर विभाग को करनी होगी।
इनकम टैक्स नोटिस कब आ सकता है?
यदि कोई आवेदक अपने बैंक खाते में बार-बार बड़ी नकद राशि जमा करता है या निकालता है और उसकी सही रिपोर्टिंग नहीं करता, तो उसे आयकर विभाग की ओर से नोटिस मिल सकता है। यदि आवेदक बार-बार 50,000 रुपये से अधिक की नकद राशि जमा करता है, तो बैंक इसकी जानकारी आयकर विभाग को भेज सकता है।
इसी तरह, यदि आवेदक के खाते में अचानक बड़ी रकम जमा होती है, तो इसकी जांच की जा सकती है। इसके अलावा, यदि आवेदक की घोषित आय और बैंक खाते में किए गए लेन-देन में कोई असमानता पाई जाती है, तो आयकर विभाग स्पष्टीकरण मांग सकता है।
इनकम टैक्स नोटिस से बचने के लिए क्या करें?
- यदि कोई आवेदक इनकम टैक्स नोटिस से बचना चाहता है, तो उसे एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक के नकद लेन-देन करने से बचना चाहिए।
- यदि आवेदक 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा कर रहा है, तो उसे अपना PAN कार्ड विवरण अवश्य देना चाहिए।
- इसके अलावा, यदि आवेदक के खाते में सालाना 10 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा हो रही है, तो उसकी सही रिपोर्टिंग करना आवश्यक है। साथ ही, बैंक से जुड़े सभी दस्तावेज अपडेट रखना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर आवेदक आसानी से अपनी जानकारी प्रदान कर सके।
निष्कर्ष
यदि आपके पास सेविंग अकाउंट है और आप उसमें बार-बार बड़ी रकम जमा कर रहे हैं, तो आपको इनकम टैक्स के नियमों का पालन करना चाहिए। सावधानीपूर्वक लेन-देन करने और आवश्यक जानकारी समय पर बैंक को देने से आप किसी भी प्रकार के नोटिस से बच सकते हैं।
अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो न केवल आपकी बचत सुरक्षित रहेगी, बल्कि आपको भविष्य में किसी भी कानूनी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
FAQ – Saving Account Rule
सेविंग अकाउंट में अधिक ट्रांजैक्शन करने पर इनकम टैक्स नोटिस क्यों आ सकता है?
यदि कोई व्यक्ति अपने बचत खाते में बार-बार बड़ी रकम जमा या निकाल रहा है और उसकी सही रिपोर्टिंग नहीं कर रहा है, तो आयकर विभाग संदेह के आधार पर नोटिस भेज सकता है।
बचत खाते में अधिकतम कितनी नकद राशि जमा की जा सकती है?
यदि एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा होती है, तो बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को दे सकता है।
क्या 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा करने पर कोई दस्तावेज जरूरी है?
हां, यदि कोई व्यक्ति 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा करता है, तो उसे अपना PAN नंबर देना अनिवार्य है।
एक दिन में अधिकतम कितना नकद लेन-देन किया जा सकता है?
एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लेन-देन करने पर आयकर विभाग की निगरानी बढ़ सकती है।
इनकम टैक्स नोटिस से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
नकद लेन-देन को सीमित रखें, 50,000 रुपये से अधिक की नकद जमा पर PAN नंबर दें, और 10 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक जमा की सही रिपोर्टिंग करें।