Mukhyamantri Niji Nalkup Yojana: अगर आप बिहार के किसान हैं और अपने खेतों में सिंचाई की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। बिहार सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए ‘मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना 2025’ शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को अपने खेत में बोरवेल (नलकूप) लगवाने पर 50% से लेकर 80% तक की सब्सिडी दी जाएगी।
यह योजना उन किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है जो जल संकट की समस्या से जूझ रहे हैं और अपने खेतों में पानी की सुविधा सुनिश्चित करना चाहते हैं। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में पूरी जानकारी, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेजों के बारे में।
Mukhyamantri Niji Nalkup Yojana 2025 के तहत सब्सिडी का विवरण
अनुदान श्रेणी | सामान्य वर्ग | पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग | अनुसूचित जाति/जनजाति |
---|---|---|---|
बोरिंग प्रति मीटर (अधिकतम 70 मीटर) | ₹600 | ₹840 | ₹960 |
मोटर पंप सेट (2 HP) | ₹10,000 | ₹14,000 | ₹16,000 |
मोटर पंप सेट (3 HP) | ₹12,500 | ₹17,500 | ₹20,000 |
मोटर पंप सेट (5 HP) | ₹15,000 | ₹21,000 | ₹24,000 |
मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार के किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा प्रदान करना है। इससे किसानों को खेतों में समय पर पानी मिल सकेगा, जिससे फसलों का उत्पादन बेहतर होगा और उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के लाभ
- बिहार के किसानों को सिंचाई की समस्या से राहत मिलेगी।
- सरकार द्वारा किसानों को 50% से 80% तक की सब्सिडी दी जाएगी।
- इस योजना से किसान अपनी फसलों का उत्पादन बढ़ा सकेंगे और उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
- इस योजना के तहत किसानों को बोरिंग और मोटर पंप पर सब्सिडी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना 2025 के पात्रता
मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को निम्नलिखित पात्रताओं को पूरा करना होगा:
- आवेदक बिहार राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
- आवेदक किसान होना चाहिए और उसके पास किसान पंजीकरण संख्या होनी चाहिए।
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक के परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- भू-धारकता प्रमाण पत्र (BPL)
- पंप सेट और पाइप का (GST) नंबर सहित वाउचर
- सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- आवेदक का फोटो (स्वयं और चिन्हित स्थल का)
Mukhyamantri Niji Nalkup Yojana 2025 में आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले आप मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना 2025 की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- होमपेज पर आने के बाद आप “आवेदन करें” के विकल्प पर क्लिक करें।
- अब आप “New Registration” पर क्लिक करके पंजीकरण करें।
- इसके बाद आप आवश्यक जानकारी जैसे नाम, पता, किसान पंजीकरण संख्या, बैंक खाता विवरण आदि भरें।
- अब आप आवश्यक दस्तावेज (आधार कार्ड, किसान पहचान पत्र, बैंक पासबुक, भूमि दस्तावेज आदि) स्कैन करके अपलोड करें।
- इसके बाद आप फॉर्म चेक करके “सबमिट” करें।
- अब आप आवेदन जमा करने के बाद प्राप्त रसीद को डाउनलोड करें और भविष्य के लिए सुरक्षित रखें।
अनुदान स्वीकृति प्रक्रिया
- स्वीकृति के 60 दिनों के भीतर बोरिंग कराकर अनुदान का दावा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
- बोरिंग और मोटर पंप का दावा एक साथ या अलग-अलग किया जा सकता है।
- जलश्राव का फोटो और मोटर पंप/पाइप का जी.एस.टी. नंबर सहित वाउचर पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक है।
- अनुदान स्वीकृति के लिए विभागीय अभियंता द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
- स्वीकृति या अस्वीकृति की सूचना आवेदकों को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना 2025 बिहार के किसानों के लिए एक बेहतरीन पहल है, जिससे वे अपने खेतों में सिंचाई की समस्या का समाधान कर सकते हैं। इस योजना के तहत मिलने वाली भारी सब्सिडी से किसानों को आर्थिक राहत भी मिलेगी। यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो जल्दी ही आवेदन करें और अपने खेतों में पर्याप्त पानी की सुविधा सुनिश्चित करें।
FAQ
1. मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना क्या है?
यह बिहार सरकार की एक योजना है, जिसके तहत किसानों को बोरवेल (नलकूप) लगवाने पर 50% से 80% तक की सब्सिडी दी जाती है।
2. मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के लिए कौन पात्र है?
आवेदक बिहार का निवासी और पंजीकृत किसान होना चाहिए। उसकी आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
3. मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के लिए कैसे आवेदन करें?
आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर “आवेदन करें” विकल्प पर क्लिक करें, जरूरी जानकारी भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
4. मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के लिए सब्सिडी कितनी मिलेगी?
सब्सिडी 50% से 80% तक दी जाएगी, जो जाति और वर्ग के अनुसार अलग-अलग होगी।
5. मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना का लाभ कब मिलेगा?
स्वीकृति के बाद 60 दिनों के भीतर बोरिंग कराकर अनुदान का दावा पोर्टल पर अपलोड करना होगा, जिसके बाद अनुदान स्वीकृत किया जाएगा।